8th Pay Commission: वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में आठवें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। यह जानकारी राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी। एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी इस आयोग की स्थापना का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनके वेतन और भत्तों में संशोधन की संभावना है।
वेतन आयोग का महत्व
केंद्रीय वेतन आयोग का गठन प्रत्येक दस वर्षों में किया जाता है। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का मूल्यांकन करता है। इसमें मुद्रास्फीति और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं।
वर्तमान वेतन और भत्ते
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 53% का महंगाई भत्ता मिल रहा है। हाल ही में इसमें 3% की वृद्धि की गई है, जो 1 जुलाई 2024 से प्रभावी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जब महंगाई भत्ता 50% को पार करता है, तो अन्य भत्तों में भी वृद्धि होती है।
भत्तों में वृद्धि का प्रभाव
महंगाई भत्ते के 50% से अधिक होने पर विभिन्न भत्तों में बदलाव होते हैं:
- ड्रेस भत्ते में 25% की वृद्धि
- 13 महत्वपूर्ण भत्तों में संशोधन
- पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत में वृद्धि
भविष्य की संभावनाएं
आठवां वेतन आयोग सामान्यतः 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। केंद्रीय बजट 2025-26 में इस संबंध में कोई घोषणा की जा सकती है।
कर्मचारियों पर प्रभाव
नए वेतन आयोग का गठन करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे:
- मूल वेतन में संशोधन
- भत्तों में वृद्धि
- पेंशन में बदलाव
- अन्य सुविधाओं में सुधार की संभावना
सातवें वेतन आयोग का प्रभाव
पिछले वेतन आयोग ने वेतन समानता पर विशेष ध्यान दिया था। इसने:
- वेतन संरचना में सुधार किया
- भत्तों में वृद्धि की
- पेंशन व्यवस्था को बेहतर बनाया
- कर्मचारियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए
यद्यपि आठवें वेतन आयोग के गठन की अभी कोई योजना नहीं है, फिर भी केंद्र सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति सजग है। महंगाई भत्ते में नियमित वृद्धि और अन्य भत्तों में संशोधन इसका प्रमाण है। कर्मचारियों को आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करना चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए।